मध्य प्रदेश की मंत्री प्रतिमा बागरी अपने भाई की गांजा तस्करी में गिरफ्तारी पर पूछे गए सवाल पर भड़क गईं. उन्होंने पत्रकारों को डांट दिया. यह घटना खजुराहो में महाराजा छत्रसाल कन्वेंशन सेंटर के बाहर हुई, जहां मीडिया ने उनके भाई अनिल बागरी की गिरफ्तारी पर सवाल पूछा.
गिरफ्तारी का ये मामला सुर्खियों में है क्योंकि मंत्री के परिवार से हाल के दिनों में नशे के कारोबार से जुड़े कई केस सामने आ चुके हैं, जिससे राजनीतिक घमासान बढ़ता जा रहा है. यह पूरा मामला प्रदेश की राजनीति में तीखी बहस का केंद्र बन गया है.
मंत्री के सवाल पर भड़कने से बढ़ा विवाद
नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी कार्यक्रम में शामिल होने खजुराहो पहुंची थीं. बाहर निकलते ही जैसे ही मीडिया ने उनके भाई के 46 किलो गांजा तस्करी में गिरफ्तारी पर सवाल किया, वे तमतमा गईं और पत्रकारों पर तेज लहजे में बरस पड़ीं. उन्होंने कहा, “जबरदस्ती की बात क्यों करते हो तुम लोग?” और बिना किसी अन्य सवाल का जवाब दिए वहां से आगे बढ़ गईं.
इस प्रतिक्रिया ने राजनीतिक हलचल को और तेज कर दिया है क्योंकि विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि मंत्री अपने परिवार को राजनीतिक संरक्षण दे रही हैं. कुछ दिन पहले उनके बहनोई की भी बांदा में नशे के मामलों में गिरफ्तारी हुई थी, जिससे विवाद और गहरा गया है.
परिवार पर लगातार बढ़ रहे आरोप और पुलिस की कार्रवाई
सतना पुलिस ने हाल ही में मंत्री के सगे भाई अनिल बागरी और उसके साथी को 46 किलो गांजा के साथ गिरफ्तार किया था. जांच में सामने आया कि वह अपने जीजा शैलेंद्र सिंह के साथ मिलकर नशे की सप्लाई कर रहा था और दोनों अब सलाखों के पीछे हैं. इसके अलावा यूपी के बांदा जिले की नरैनी पुलिस ने 3 दिसंबर को अंतर्राज्यीय तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए पांच लोगों को पकड़ा, जिनमें मंत्री की छोटी बहन के पति शैलेन्द्र सिंह भी शामिल थे.
पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर नाइट पेट्रोलिंग के दौरान यह कार्रवाई की. लगातार हो रही गिरफ्तारियों से मामला पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया है और यह परिवार लगातार विवादों में घिरता जा रहा है. कांग्रेस का कहना है कि भाजपा सरकार में मंत्रियों के रिश्तेदार खुलेआम अवैध कामों में पकड़े जा रहे हैं.
प्रतिमा बागरी की राजनीतिक यात्रा और विपक्ष के हमले
प्रतिमा बागरी सतना जिले की रैगांव सीट से विधायक हैं और 2023 चुनाव में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार कल्पना वर्मा को 36,060 वोटों से हराया था. इससे पहले वे भाजपा महिला मोर्चा की महामंत्री और सतना जिला संगठन मंत्री के रूप में सक्रिय रही थीं. बड़ी जीत का इनाम उन्हें मंत्री पद के रूप में मिला और वे मोहन यादव कैबिनेट की सबसे कम उम्र की मंत्री हैं. लेकिन परिवार के सदस्यों की लगातार गिरफ्तारियों ने उनकी छवि पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
एमपी कांग्रेस ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि मंत्री के रिश्तेदार तस्करी में पकड़े जा रहे हैं और जब मीडिया सवाल पूछता है तो मंत्री भड़क जाती हैं. विपक्ष का आरोप है कि बीजेपी सरकार में सत्ता से जुड़े लोगों को संरक्षण मिल रहा है और यह गिरफ्तारी उसी काले नेटवर्क की झलक है. मामले के तूल पकड़ने से राजनीतिक माहौल और गर्म हो चुका है. हाईन्यूज़ !















