अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और चीन पर निशाना साधा है. उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि अमेरिकी टेक कंपनियां चीन में फैक्ट्रियां लगाती हैं और भारत के लोगों को काम पर रखती हैं. इसके लिए ट्रंप ने अमेरिकी टेक कंपनियों के विदेशी सौदों को खत्म करने का दावा किया है. ट्रंप ने आगे कहा कि अमेरिकी टेक कंपनियां आयरलैंड में टैक्स बचाने के लिए मुनाफे को कम दिखाती हैं. इस तरह से अमेरिकी नागरिकों को नजरअंदाज कर रही हैं. उन्होंने कहा कि दिन अब लद गए हैं. ट्रंप ने कहा कि अमेरिका को फिर से एक निर्माता राष्ट्र बनाना होगा और विदेशी सौदों को खत्म कर अमेरिकी नागरिकों को प्राथमिकता देनी होगी.
ट्रंप ने कहा कि उनके नेतृत्व में अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनियों को फिर से अमेरिका की तरफ मोड़ा जाएगा. उनका AI एक्शन प्लान इसी दिशा में एक अहम कदम है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि आप अमेरिका को सबसे पहले रखें. आपको ऐसा करना ही होगा. उन्होंने अमेरिकी टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए नए डेटा सेंटर, सेमीकंडक्टर फैक्ट्रियां, बिजली संयंत्र और ट्रांसमिशन लाइनों के निर्माण की बात कही. ट्रंप ने स्पष्ट किया कि ये निवेश निजी क्षेत्र के जरिए होंगे, लेकिन सरकार उन्हें हरी झंडी देगी लालफीताशाही नहीं.
ट्रंप ने अमेरिका में फैले नियामक जाल पर तीखा प्रहार किया. उन्होंने याद दिलाया कि उनके राष्ट्रपति पद के शुरुआती दिनों में उन्होंने एक ऐतिहासिक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें कहा गया था कि हर एक नए नियम के लिए 10 पुराने नियमों को समाप्त किया जाना चाहिए. उनके अनुसार, इससे इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा और निवेशकों को अपना काम तेजी से शुरू करने का अवसर मिलेगा. डोनाल्ड ट्रंप का बयान उनके पुराने अमेरिका फर्स्ट नीति को पेश करता है. उन्होंने टेक कंपनियों की वैश्विक रणनीतियों पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए अमेरिका में उत्पादन, रोजगार और इनोवेशन को प्राथमिकता देने की वकालत की. हाईन्यूज़ !