कहा जाता है कि जब किस्मत के पन्ने पलटते हैं तो राजा को रंक और रंक को राजा बनने में समय नहीं लगता.कुछ ऐसा ही छतरपुर के छोटे से गांव कटिया में रह रहे यादव परिवार के मजदूर दंपति हरगोविंद यादव और उनकी पत्नी पवन देवी यादव के साथ हुआ, जो 5 साल से हीरे की तलाश में खदानों पर मजदूरी का कार्य कर रहे थे. अचानक खुदाई के दौरान आठ हीरे जिसमें कुछ पक्के और कुछ कच्चे मिले.
छोटे भाई को एक हीरा मिला था
मजदूर के हाथों में छाले पड़े हुए थे जिसने दिन-रात मेहनत करके हीरे की तलाश में लगभग 5 साल बिता दिए पूर्व में छोटे भाई को एक हीरा मिला जिसकी कीमत लगभग ढाई से तीन लाख रुपये थी लेकिन जानकारी के अभाव के कारण उसे उस हीरे के दाम एक लाख रुपये केवल मिले थे.
हीरो की कीमत 10 से 12 लाख रुपये तक हो सकती है
अब आठ हीरो के मिलने से मजदूर की किस्मत भी बोल देगी और अंदाजा लगाया गया है कि उन हीरो की कीमत 10 से 12 लाख रुपये तक हो सकती है या उससे अधिक, संग्रहालय में जमा करके हीरो का परीक्षण किया जाएगा और फिर हीरे की कीमत का सही पता लगाया जा सकेगा. हाईन्यूज़ !