गुरुश्री पं. हरिओम बुटोलिया, ज्योतिषाचार्य से जानें कुंडली में शनि की ढैय्या का प्रभाव और बदलाव
कुंडली में शनि की ढैय्या का प्रभाव तब होता है, जब शनि ग्रह गोचर करते हुए आपकी जन्म कुंडली में चंद्रमा से चौथे या आठवें भाव में आता है. यह लगभग ढाई वर्ष की अवधि होती है और इसे ज्योतिष में लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण समय माना जाता है. इस दौरान व्यक्ति मानसिक तनाव, चिंता और बेचैनी का अनुभव कर सकता है. मन में नकारात्मक विचार आ सकते हैं. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है. पुरानी बीमारियां उभर सकती हैं या नई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. धन संबंधी मामलों में उतार-चढ़ाव आ सकता है. खर्च बढ़ सकते हैं और बचत कम हो सकती है. निवेश में सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है.
जीवन में होते हैं ये बदलाव.
- मानसिक अशांति और तनाव: शनि की ढैय्या के दौरान व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान और तनावग्रस्त महसूस कर सकता है. अज्ञात भय और चिंताएं मन को घेरे रहती हैं.
- स्वास्थ्य समस्याएं: स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां आ सकती हैं, खासकर पुरानी बीमारियां उभर सकती हैं या नई समस्याएं पैदा हो सकती हैं. शारीरिक और मानसिक थकान महसूस हो सकती है.
- आर्थिक परेशानियां: धन संबंधी मामलों में उतार-चढ़ाव आ सकता है. खर्च बढ़ सकते हैं और आय में कमी आ सकती है. निवेश में नुकसान होने की संभावना रहती है.
- करियर में बाधाएं: कार्यक्षेत्र में परेशानियां आ सकती हैं. नौकरी में बदलाव, स्थानांतरण या सहकर्मियों के साथ मतभेद हो सकते हैं. मेहनत का उचित फल मिलने में देरी हो सकती है.
- पारिवारिक समस्याएं: परिवार में कलह और अशांति का माहौल बन सकता है. रिश्तों में तनाव आ सकता है और गलतफहमियां बढ़ सकती हैं.
- भाग्य का साथ न मिलना: ऐसा महसूस हो सकता है कि भाग्य साथ नहीं दे रहा है और हर काम में रुकावटें आ रही हैं. व्यक्ति पर काम और परिवार की जिम्मेदारियां बढ़ सकती हैं, जिससे वह दबाव महसूस कर सकता है.
- स्थान परिवर्तन: कुछ लोगों के जीवन में इस दौरान स्थान परिवर्तन या घर से दूर रहने की स्थिति बन सकती है.
- कानूनी मामले: यदि कुंडली में शनि की स्थिति अशुभ है, तो कानूनी मामलों में भी उलझनें आ सकती हैं.
इन बातों का रखें ध्यान
लोगों को यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि शनि की ढैय्या का प्रभाव हर व्यक्ति पर अलग-अलग होता है. यह इस बात पर निर्भर करता है कि शनि आपकी कुंडली में किस भाव में स्थित है, अन्य ग्रहों की स्थिति क्या है और शनि पर किन ग्रहों की दृष्टि पड़ रही है. यदि शनि कुंडली में शुभ स्थिति में है, तो ढैय्या के दौरान भी व्यक्ति को अधिक नकारात्मक प्रभावों का सामना नहीं करना पड़ता है, बल्कि उसे अपनी मेहनत और अनुशासन का फल मिल सकता है.
(Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. हाईन्यूज़ इसकी पुष्टिनहींकरताहै.)