वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने अपनी क्विक कॉमर्स सर्विस Flipkart Minutes के एक्सपेंड को लिमिटेड करने का फैसला ले लिया है. अब ये सर्विस केवल देश के 6 से 8 बड़े शहरों तक में ही रहेगी. कंपनी ये कदम कॉस्ट पर कंट्रोल रखने के लिए उठा रही है.
फ्लिपकार्ट ने क्यों लिया ये फैसला
Flipkart Minutes का सीधा मुकाबला Blinkit (Eternal की कंपनी), Swiggy Instamart, Zepto, BigBasket का BB Now और Amazon Now से है.
आम लोगों पर इसका असर
Flipkart Minutes सर्विस देश के 14 शहरों के बजाय अब केवल 8 शहरों में ही मिलेगी.फ्लिपकार्ट के इस फैसले से हो सकता है कि मेन 8 शहरों के अलावा बाकी शहरों को फ्लिपकार्ट मिनट सर्विस का बेनिफिट ना मिल पाए. इससे उन्हें स्टेंडर्ड डिलिवरी पर ही डिपेंड होना पड़ सकता है.
वैसे फ्लिपकार्ट का ये फैसला और नजरिया उसकी कंपटीटर कंपनी Swiggy जैसा ही है. जबकि Eternal ग्रुप की Blinkit पूरे जोश के साथ मार्केट में हिस्सेदारी बढ़ाने की कोशिश कर रही है, भले ही कंपनी नुकसान उठाने के लिए तैयार नहीं होगी.
फ्लिपकार्ट का ये है प्लान
HSBC Securities की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फ्लिपकार्ट का प्लान बिग बिलियन डेज सेल से पहले 500 से ज्यादा डार्क स्टोर्स खोलने की है. लेकिन साथ में कंपनी पर अपने मंथली 340-350 करोड़ रुपये के खर्च को कम करने का दबाव भी है. ये कदम कंपनी के 2026 में प्रोपोज्ड IPO की तैयारी का हिस्सा माना जा रहा है.
पिछले महीने फ्लिपकार्ट के बोर्ड ने कंपनी का हेडक्वाटर सिंगापुर से भारत ट्रांसफर करने के प्रपोजल को मंजूरी दी थी. ये प्रोसेस पहले से चल रहा है और इसका मोटीव इंडियन मार्केट अपनी पकड़ मजबूत करना और IPO से पहले डोमेस्टिक मार्केट में जमकर खड़ा होना है. हाईन्यूज़ !