[ad_1]
Lok Sabha Elections Result 2024: लोकसभा चुनाव में सबसे रोचक मुकाबला उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट पर रहा, जहां गांधी परिवार की पारंपरिक सीट पर इस बार गैर गांधी कांग्रेसी नेता ने चुनाव लड़ा. यहां कांग्रेस के किशोरी लाल के हाथों बीजेपी की स्मृति ईरानी को हार का सामना करना पड़ा है. लगभग साफ हो चुके हैं कि इन नतीजों के बाद स्मृति ईरानी का रिएक्शन आया है.
स्मृति ईरानी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि ऐसी है जिंदगी… एक दशक से भी ज्यादा समय मैंने एक गांव से दूसरे गांव जाकर लोगों की जिंदगी संवारने, उम्मीदों और आकांक्षाओं को संजोने, बुनियादी ढांचे पर काम करने में बिताया है, जिसमें सड़कें, नालियां, खड़ंजा, बाईपास, मेडिकल कॉलेज और भी बहुत कुछ सामिल है. उन्होंने कहा कि हार और जीत में मेरे साथ खड़े रहने वालों का मैं हमेशा आभारी रहूंगा. स्मृति ईरानी ने आगे कहा कि आज जश्न मनाने वालों को मैं बधाई दूंगी और जो लोग पूछ रहे हैं, “कैसा जोश है?” मैं कहती हूं- जोश अभी भी बहुत है, सर.
Such is life… A decade of my life going from one village to another, building lives, nurturing hope & aspirations, working on infrastructure ― roads, naali, khadanja, bypass, medical college and more.
To those who stood by me through loss and victory, I am forever grateful. To…
— Smriti Z Irani (Modi Ka Parivar) (@smritiirani) June 4, 2024
किशोरी लाल शर्मा ने 1.67 वोटों से स्मृति ईरानी को हराया
अमेठी लोकसभा सीट पर कांग्रेस के किशोरी लाल शर्मा ने जीत दर्ज की है. उन्होंने बीजेपी की स्मृति ईरानी को 1,67,196 वोटों से हरा दिया है. अमेठी लोकसभा यूपी की ही नहीं बल्कि पूरे देश की सबसे हॉट सीटों में से एक है. यहां से बीजेपी की स्मृति ईरानी एक बार फिर से मैदान में उतरी थीं. साल 2019 के चुनाव में स्मृति ने अमेठी से राहुल गांधी को हरा दिया था. इस बार राहुल अमेठी के बजाय रायबरेली से चुनावी मैदान में उतरे थे. कांग्रेस ने अमेठी को जीतने की जिम्मेदारी गांधी परिवार के करीबी किशोरी लाल शर्मा को दी थी.
अमेठी में राहुल गांधी ने स्मृति ईरानी से ले लिया बदला
बता दें कि, अमेठी से चुनाव जीते कांग्रेस उम्मीदवार केएल शर्मा राजीव गांधी के करीबी दोस्त थे और लंबे समय से उनके साथ जुड़े हुए थे. वह अमेठी में 1983 और 1991 के चुनावों में एक प्रमुख खिलाड़ी थे, जिन्होंने कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने में मदद की. उन्होंने 1999 में सोनिया गांधी के पहले चुनाव अभियान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके परिणामस्वरूप अमेठी में उनकी जीत हुई.
[ad_2]