Garuda Purana:HN/ गरुड़ पुराण भगवान विष्णु और पक्षी राज गरुड़ की बातचीत पर आधारित है. इसे महापुराण माना जाता है. इतना ही नहीं ये हिंदू धर्म के 18 महापुराणों में शामिल है. इसमें जीवन, मृत्यु आत्मा की यात्रा, पाप-पुण्य, स्वर्ग और नरक के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है. गरुड़ पुराण में कई हजार श्लोक हैं, जिसमें मनुष्य के कर्मों, धर्म और नीतियों के बारे में भी समझाया गया है.
गरुड़ पुराण कहता है कि इंसान जैसे कर्म करेगा, उसे फल भी वैसे ही प्राप्त होंगे. हिंदू धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि गाय का दान करना सर्वश्रेष्ठ दान माना गया है. गरुड़ पुराण में भी कहा गया है कि अगर मृत्यु से पहले इंसान गाय का दान करता है, तो इससे नरक की यातनाएं कम हो जाती हैं.
वैतरणी नदी पार करने में नहीं होता कष्ट
गरुड़ पुराण के अनुसार, यमलोक में वैतरणी नदी बहती है. इंसान की आत्मा को मृत्यु के बाद वैतरणी नदी की यात्रा करनी पड़ती है. इस नदी में रक्त, मवाद, गंदगी बहती है. साथ ही इसमें भयानक जीव होते हैं. आग की लपटें होती हैं. अपने जीवन काल में जो इंसान बुरे कर्म करता है, उसको इस वैतरणी नदी को पार करना होता है. वहीं अगर इंसान मृत्यु से पहले गाय दान कर देता है, तो उसे वैतरणी नदी को पार करने में कष्ट नहीं होता है.
गौ दान के क्या हैं लाभ?
कहा जाता है कि मृत्यु से पहले इंसान गौ दान करता है, तो गाय वैतरणी नदी के तट पर प्रकट होती है. फिर आत्मा गाय की पूंछ पकड़कर वैतरणी नदी को आसानी से पार कर लेती है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, जो इंसान गौ दान करता है, उसकी आत्मा को यमराज के दूत भी कष्ट नहीं दिया करते हैं. ऐसे व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष या स्वर्ग में स्थान मिलता है. गौ दान पाप के प्रभावों को कम करता है. हाईन्यूज़ !















