विशाखापत्तनम: नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राम मोहन नायडू ने कहा है कि एविएशन सेक्टर आंध्र प्रदेश के विकास में बड़ा योगदान देगा। उन्होंने बताया कि एविएशन इंडस्ट्री दुनिया में तीसरे नंबर पर सबसे बड़ा मार्केट बन गई है। जल्द ही हवाई सफर सिर्फ अमीर लोगों के लिए नहीं, बल्कि आम आदमी के लिए भी सुलभ होगा। मंत्री ने यह भी बताया कि एयरोस्पेस कंपोनेंट्स बनाने का मार्केट अभी 2 अरब डॉलर का है, जिसे 2030 तक 4 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य है। इस लक्ष्य को पाने के लिए लगातार काम हो रहा है। उन्होंने विमान के पुर्जे बनाने के बढ़ते हुए इकोसिस्टम में निवेश के अवसरों पर भी जोर दिया।
शनिवार को CII पार्टनरशिप समिट के आखिरी दिन एविएशन सेक्टर पर हुई प्लैनरी सेशन में मंत्री ने दोहराया कि एविएशन सेक्टर तेजी से बढ़कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा एविएशन मार्केट बनने की राह पर है। उन्होंने बताया कि 2014 में देश में सिर्फ 74 एयरपोर्ट थे, जो अब बढ़कर 164 हो गए हैं।
उन्होंने आगे कहा कि 2014 में हर दिन करीब 1.8 लाख यात्री हवाई सफर करते थे, जो अब बढ़कर औसतन 4.6 लाख हो गया है। यह लगभग तीन गुना ज्यादा है। 10 नवंबर को एक ही दिन में रिकॉर्ड 5.3 लाख यात्रियों ने सफर किया। मंत्री ने कहा कि इस रफ्तार को बनाए रखना और 10% से 12% की ग्रोथ हासिल करना लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि सरकार सिर्फ ग्रोथ बनाए रखने पर ही काम नहीं कर रही, बल्कि यात्रियों की सुविधाओं को बेहतर बनाने और भविष्य की टेक्नोलॉजी से इस सेक्टर को बदलने पर भी ध्यान दे रही है।
पिछले 10 सालों में फ्लाइट्स, यात्रियों की संख्या, अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। मंत्री ने बताया कि 2014 में 67 मिलियन घरेलू यात्री थे, जो 2024 में बढ़कर 72 मिलियन हो गए। वहीं, अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या 25 मिलियन से बढ़कर 72 मिलियन हो गई। घरेलू उड़ानों की संख्या 2014 में 6 लाख थी, जो 2024 में 11 लाख हो गई। एयरपोर्ट की संख्या बढ़ाने और उनकी क्षमता को बढ़ाने के लिए भी कोशिशें जारी हैं। उन्होंने एयरपोर्ट डेवलपमेंट मॉडल को हब-एंड-स्पोक सिस्टम में बदलने की योजना का भी जिक्र किया।
उन्होंने समझाया कि दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु और कोलकाता जैसे बड़े एयरपोर्ट मुख्य हब के तौर पर काम करेंगे। बाकी एयरपोर्ट इन बड़े हब से जुड़ने का काम करेंगे। भविष्य में एयरपोर्ट को उनके आकार और क्षेत्रीय जरूरतों के हिसाब से मेगा, मीडियम और स्मॉल स्केल फैसिलिटी के तौर पर बांटा जाएगा. हाईन्यूज़ !


















