आईपीएल के इतिहास में अगर किसी खिलाड़ी और टीम के बीच सबसे गहरा रिश्ता माना जाता है, तो वह है एमएस धोनी और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के बीच।
2008 से लेकर आज तक धोनी CSK का चेहरा रहे हैं। टीम पर लगे दो साल के प्रतिबंध के बाद जब 2018 में फ्रेंचाइजी की वापसी हुई, तो एक कार्यक्रम में उस पल को याद करते हुए धोनी की आंखें नम हो गई थीं।
फैंस के मन में अक्सर यह सवाल रहता है कि—
क्या CSK का पूरा कंट्रोल धोनी के हाथ में है?
क्या रवींद्र जडेजा को राजस्थान रॉयल्स भेजने का फैसला भी धोनी का था?
यहां इन सवालों का पक्का जवाब मिलता है…
क्या वाकई धोनी लेते हैं CSK के बड़े फैसले?
आईपीएल 2025 के दौरान सुरेश रैना, जो धोनी के बेहद करीबी माने जाते हैं, ने स्टार स्पोर्ट्स पर इस मुद्दे पर बात की।
रैना ने कहा:
“लोग कहते हैं कि अंतिम फैसला एमएस धोनी ही लेते हैं। लेकिन सच बताऊं तो मैं कभी ऑक्शन में गया ही नहीं और न ही टीम की बैठकों में शामिल रहा हूं। हां, मैनेजमेंट धोनी को फोन जरूर करता होगा कि किसी खास खिलाड़ी को लेना है या नहीं, लेकिन उनका बहुत ज्यादा योगदान नहीं रहता।”
यानी धोनी से सलाह जरूर ली जाती है, पर अंतिम फैसले मैनेजमेंट लेता है।
CSK में बड़े निर्णय कौन लेता है?
रैना ने आगे बताया कि—
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असल में बड़े फैसले फ्रेंचाइजी मैनेजमेंट ही लेता है।
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धोनी से सिर्फ पूछा जाता है कि वो किन 4–5 खिलाड़ियों को रिटेन करना चाहते हैं।
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इनमें से कुछ को रिटेन किया जाता है जबकि बाकी खिलाड़ियों पर निर्णय टीम के उच्च अधिकारी लेते हैं।
इसका मतलब यह कि कप्तान होने के बावजूद धोनी का रोल सीमित लेकिन महत्वपूर्ण होता है।
क्या जडेजा को RR भेजने में धोनी का हाथ?
आईपीएल 2025 के मेगा ट्रेड में
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रवींद्र जडेजा
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सैम कर्रन
को CSK ने राजस्थान रॉयल्स को सौंपा, और बदले में संजू सैमसन चेन्नई आ गए।
इस ट्रेड को लेकर कई तरह की चर्चाएं थीं।
हालांकि कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है कि धोनी ने जडेजा को बाहर भेजने का फैसला लिया था, लेकिन क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार:
ट्रेड को आगे बढ़ाने से पहले CSK मैनेजमेंट ने धोनी की हरी झंडी ली थी।
यानी धोनी ने निर्णय नहीं लिया, लेकिन उनकी सहमति के बाद ही यह प्रक्रिया पूरी की गई. हाईन्यूज़ !















