MP Politics:HN/ मुरैना जिले के हिंगोना गांव में बाबासाहेब अंबेडकर की जयंती पर निकाले जा रहे शांतिपूर्ण जुलूस के दौरान डीजे बजाने को लेकर हुए विवाद में प्रदेश के कृषि मंत्री ऐदल सिंह कंसाना के समर्थकों द्वारा एक दलित युवक संजय सेमिल की गोली मारकर हत्या कर दी गई. यह आरोप मृतक दलित संजय के पिताजी चिम्बन सिंह ने लगाया है. मृतक के पिता चिम्बन सिंह ने मंत्री के समर्थकों को दोषी बताया है. आरोप के मुताबिक इस हमले में रानू दौनेरिया नामक एक अन्य दलित युवक को भी गोली लगी और एक तीसरा युवक गंभीर रूप से घायल हुआ है.
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस बाबत एक्स पर शेयर किया है. उन्होंने मृतक दलित संजय के पिता चिम्बन सिंह से वीडियो कॉल पर बात की. पटवारी ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इसे बीजेपी सरकार की दलित विरोधी मानसिकता का जीता-जागता प्रमाण बताया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यह कोई अकेली घटना नहीं है, बल्कि बीजेपी शासन में दलितों पर हो रहे सिलसिलेवार अत्याचारों की खतरनाक प्रवृत्ति का हिस्सा है.
जीतू पटवारी ने कहा कि डॉ अंबेडकर नगर (महू) के समीप बेटमा में बीते सोमवार एक दलित दूल्हे और उसके बारातियों को श्रीराम मंदिर में प्रवेश करने से रोका गया. मंदिर प्रबंधन और स्थानीय लोगों ने बार-बार विनती के बावजूद मंदिर प्रवेश से रोका गया और अपमानजनक व्यवहार किया. यह घटना बाबासाहेब की जन्मस्थली के नज़दीक ही हुई, यह केवल संयोग नहीं, बीजेपी राज में दलित विरोधी मानसिकता का सुनियोजित विस्तार है.
कांग्रेस प्रदेश प्रमुख ने आरोप लगाते हुए कहा कि हर बार दलित उत्पीड़न की घटनाओं में बीजेपी नेताओं और उनके समर्थकों का नाम सामने आना यह दर्शाता है कि यह केवल सामाजिक दुर्भावना नहीं, बल्कि सत्ता संरक्षित हिंसा है. बीजेपी के नेता समय-समय पर आरक्षण, बाबासाहेब अंबेडकर और संविधान विरोधी बयान देते हैं, यही उनकी विचारधारा का मूल है.
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने केंद्र सरकार से भी सवाल किया और पूछा, ”प्रधानमंत्री देश और मध्य प्रदेश में लगातार हो रही दलित उत्पीड़न की घटनाओं पर चुप क्यों हैं? क्यों देश में दलितों से नफ़रत बीजेपी की फितरत बन गई है? सवाल यह भी है कि मप्र के साथ पूरे देश में, हर बार दलित उत्पीड़न और हत्या में बीजीपी से जुड़े नेता और मंत्रियों के करीबी ही क्यों शामिल होते हैं?”
कांग्रेस अध्यक्ष का मुरैना कूच
पीसीसी चीफ पटवारी ने ऐलान किया कि वे स्वयं मुरैना जा रहे हैं, पीड़ित परिवारों से मिलकर उन्हें न्याय दिलाने के लिए. उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव से घटना की उच्चस्तरीय जांच, दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी और फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने की मांग की है.
पीसीसी चीफ में कहा कि कांग्रेस पार्टी स्पष्ट करती है कि वह दलितों पर हर अत्याचार के खिलाफ मजबूती से खड़ी है. यह सिर्फ सामाजिक न्याय की नहीं, संविधान और लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई है. हाईन्यूज़ !