राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वंदे मातरम् का मूल भाव है. भारत, मां भारती और भारत की शाश्वत संकल्पना. वंदे मातरम यह शब्द एक मन्त्र है एक ऊर्जा है एक स्वप्न है एक संकल्प है.
पीएम मोदी ने कहा कि वंदे मातरम यह मां भारती की सेवा है मां भारती की आराधना है. वंदे मातरम हमें आत्मविश्वास देता है और हमें बताता है कि ऐसा कोई संकल्प लक्ष्य नहीं जो हम भारतवासी पा ना सकें. वंदे मातरम हमें संकल्प को सिद्ध करने का मन्त्र देता है.उन्होंने आगे कहा कि आज का दिन बहुत ऐतिहासिक है. हम आज वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने का उत्सव मन रहे हैं यह हमें प्रेरणा देगा और सभी देशवासियों को ऊर्जा से भर देगा. इसी दिवस को इतिहास में दर्ज कराने के लिए आज का यह कार्यक्रम है. इस अवसर पर सभी देशवासियों को मैं बहुत शुभकामनाएं देता हूं.
‘सोना उगलने की ताकत रखती है हमारी धरती’
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि वंदे मातरम ये शब्द हमें इतिहास में ले जाता है. ये हमारे वर्तमान को नए आत्मविश्वास से भर देता है और हमारे भविष्य को ये नया हौसला देता है कि ऐसा कोई संकल्प नहीं जिसकी सिद्धि न हो सके, ऐसा कोई लक्ष्य नहीं जिसे हम भारतवासी पा न सकें. उन्होंने आगे कहा कि भारत की धरती हमेशा से सोना उगालने की ताकत रखती है. कुछ शताब्दी पहले तक ही दुनिया की एक चौथाई GDP का हिस्सा भारत के पास था भारत इतना समृद्ध था. भारत अपने स्वर्णिम दौर को पुनर्जीवित कर सकता है. वंदे मातरम के इस सामूहिक गान का यह अद्भुत अनुभव वाकई अभिव्यक्ति से परे है.
‘गुलामी के कालखंड में वन्दे मातरम संकल्प बन गया था’
पीएम मोदी ने कहा कि इतनी सारी आवाजों में एक लय, एक स्वर, एक भाव, एक जैसा रोमांच, एक जैसा प्रवाह, ऐसा तारतम्य और ऐसी तरंग है. इस ऊर्जा ने हृदय को स्पंदित कर दिया है. गुलामी के उस कालखंड में वन्दे मातरम् इस संकल्प का उद्घोष बन गया था कि भारत की आज़ादी से ही मां भारती के हाथों से गुलामी की बेड़ियां टूटेंगी. उसकी संतानें स्वयं अपने भाग्य की विधाता बनेंगी. वंदे मातरम् भारत के स्वतंत्रता संग्राम का स्वर बन गया. एक ऐसा स्वर जो हर क्रांतिकारी की जबान पर था. एक ऐसा स्वर, जो हर भारतीय की भावनाओं को व्यक्त कर रहा था.
वंदे मातरम’ पर एक विशेष सिक्का और डाक टिकट जारी
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं देश के लाखों महापुरुषों को मां भारती की संतानों को और वंदे मातरम के लिए जीवन खपाने वालों को आज श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं और देशवासियों को हार्दिक बधाई देता हूं. 7 नवंबर 2025 का दिन बहुत ऐतिहासिक है. आज हम ‘वंदे मातरम’ के 150वें वर्ष का महाउत्सव मना रहे हैं. यह पुण्य अवसर हमें नई प्रेरणा देगा, कोटि कोटि देशवासियों को नई ऊर्जा से भर देगा. इस दिन को इतिहास की तारीख में अंकित करने के लिए आज ‘वंदे मातरम’ पर एक विशेष सिक्का और डाक टिकट भी जारी किए गए हैं. हाईन्यूज़ !















