पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच एक रणनीतिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर के एक दिन बाद, भारत ने गुरुवार (18 सितंबर, 2025) को कहा कि वह अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर इस समझौते के प्रभावों का अध्ययन करेगा.
पाकिस्तान-सऊदी अरब के एक संयुक्त बयान के अनुसार, समझौते में कहा गया है कि दोनों देशों में से किसी के भी विरुद्ध किसी भी तरह के हमले को दोनों के विरुद्ध आक्रमण माना जाएगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस मामले में अपनी संतुलित प्रतिक्रिया में कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा और सभी क्षेत्रों में व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
ऑपरेशन सिंदूर के चार महीने बाद सऊदी अरब और पाकिस्तान में हुआ समझौता
रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते पर सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान अब्दुलअजीज अल सऊद और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हस्ताक्षर किए. शहबाज शरीफ सऊदी अरब की यात्रा पर थे. भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक चले सैन्य संघर्ष के चार महीने बाद इस समझौते पर मुहर लगी है. इस समझौते का नाम स्ट्रेटेजिक म्यूचुअल डिफेंस एग्रीमेंट है, जिसकी मुख्य शर्त है कि अगर दोनों में से किसी एक भी देश पर हमला होता है तो उसको दोनों पर ही हमला माना जाएगा. दोनों साझा सुरक्षा के तहत एक-दूसरे की रक्षा करेंगे.
रणधीर जयसवाल ने कहा, भारत सरकार को जानकारी थी कि होने वाला है ऐसा
रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘हमने सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच एक रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर की खबरें देखी हैं.’ उन्होंने कहा, ‘सरकार को इस बात की जानकारी थी कि दोनों देशों के बीच लंबे समय से चली आ रही इस व्यवस्था को औपचारिक रूप देने वाले इस घटनाक्रम पर विचार किया जा रहा है.’
रणधीर जयसवाल ने कहा- भारत देखेगा क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर समझौते का क्या असर होगा
रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत इस घटनाक्रम के हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन करेगा. उन्होंने कहा, ‘सरकार भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा और सभी क्षेत्रों में व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.’ रणधीर जायसवाल इस मुद्दे पर मीडिया के एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे. हाईन्यूज़ !