IAS Sanjeev Hans:HN/ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार (3 दिसंबर 2024) को बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी संजीव हंस के कई ठिकानों पुर छापे मारे. न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक ईडी ने आरोप लगाया कि संजीव हंस ने राज्य सरकार और केंद्र में अपने कार्यकाल के दौरान भ्रष्ट आचरण के माध्यम से अपराध की आय अर्जित की और इस गलत तरीके से अर्जित धन को सफेद करने में पूर्व आरजेडी एमएलसी गुलाब यादव ने उनकी मदद की.
ईडी ने एक बयान में कहा कि उसने दोनों के खिलाफ धन शोधन मामले की जांच में नए सिरे से तलाशी ली और मंगलवार को दिल्ली, गुरुग्राम, कोलकाता, जयपुर और नागपुर में 13 स्थानों पर छापे मारे. बयान में कहा गया कि उन्होंने राजीव हंस के कुछ करीबी सहयोगियों और रियल एस्टेट और सेवा क्षेत्र से जुड़े लोगों के परिसरों की तलाशी ली गई.
आरजेडी नेता ने की राजीव हंस की मदद
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 1997 बैच के अधिकारी हंस ने बिहार ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव के रूप में कार्य किया है, जबकि गुलाब यादव राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व विधान परिषद सदस्य हैं. गुलाब यादव ने 2015 से 2020 तक मधुबनी जिले की झंझारपुर विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया.
60 करोड़ रुपये के शेयर पाए गए
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक तलाशी में राजीव हंस के एक करीबी सहयोगी के परिवार के सदस्यों के डीमेट अकाउंट में 60 करोड़ रुपये के शेयर पाए गए. राजीव हंस के जिस करीबी के यहां यह शेयर पाया गया है वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. ईडी को 70 ऐसे बैंक खातों का डिलेट मिली है, जिसका उपयोग अवैध तरीके से पैसे इकट्ठा करने और उसे छिपाने के लिए किया जा रहा था.
ईडी को भ्रष्टाचार के कई सबूत मिले
ईडी की छापेमारी में इस बात के भी सबूत मिले हैं कि उसने रियल एस्टेट में 18 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जिसे छिपाया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक ईडी ने 60 करोड़ रुपये के शेयर और 70 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया. इसके अलावा ईडी ने 16 लाख अवैध विदेश मुद्रा और लगभग 23 लाख रुपये कैश जब्त किया. ईडी के अनुसार इसके अलावे भी भ्रष्टाचार के कई सबूत मिले हैं. हाईन्यूज़ !