भोपाल: 27 अगस्त 2024HN/ मध्य प्रदेश के नगर पालिका और नगर परिषद में अब अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव 3 साल के पहले नहीं ले जा सकेंगे। इसके साथ ही अविश्वास प्रस्ताव के लिए तीन चौथाई सदस्यों की सहमति भी जरूरी होगी।
राज्य शासन ने मध्य प्रदेश नगर पालिका द्वितीय संशोधन अध्यादेश 2024 के जरिए यह प्रावधान किया है और अध्यादेश प्रभावी भी हो गया है। मोहन यादव कैबिनेट ने पिछले सप्ताह हुई बैठक में यह फैसला लिया था, इसके बाद राज्यपाल की अनुमति से अध्यादेश जारी कर दिया गया है।
इसमें कहा है कि नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 2 साल के बजाय 3 साल की अवधि तय कर दी गई है। अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए दो तिहाई के बजाय तीन चौथाई बहुमत की जरूरत होगी। इसके बाद ही अविश्वास प्रस्ताव मंजूर किया जा सकेगा। नगरपालिका अधिनियम की धारा 43 क की उपधारा (1) में संशोधन करके यह फैसला किया गया है।