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पाटिल ने शरद पवार की मजबूत पकड़ वाले क्षेत्र बारामती में संवादाताओं को संबोधित करते हुए उन्हें (शरद पवार को) हराने की अपनी मंशा स्पष्ट कर दी थी. उन्होंने राकांपा के शीर्ष नेता पर बीजेपी-शिवसेना गठबंधन के 161 सीट जीतने के बावजूद भी शिवसेना को अपने साथ लाकर 2019 के (विधानसभा) चुनाव के जनादेश की उपेक्षा करने का आरोप लगाया था. पाटिल ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था, ‘‘मैं और मेरी पार्टी के कार्यकर्ता चाहते हैं कि बारामती में शरद पवार हार जाएं और हमारे लिए इतना ही काफी है.’’
तब अजित पवार ने पाटिल के बयान पर जवाब देते हुए कहा था, ‘‘ शरद पवार बारामती लोकसभा सीट पर प्रत्याशी नहीं हैं. यह पाटिल द्वारा दिया गया गलत बयान है. उनके द्वारा यह बयान देने के बाद हमने उनसे बारामती में चुनाव नहीं करने को कहा है.’’ अजित पवार ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘ मैंने तब यह कहा था और अब भी मैं यह कह रहा हूं. लोगों ने उनका (पाटिल का) यह बयान पंसद नहीं किया कि वह (शरद) पवार को हराने के लिए बारामती आये हैं.’’
अजित पवार के इस नए बयान को चुनावी हार का जिम्मा इस संसदीय क्षेत्र में पाटिल के बयान से पैदा हुए ‘नकारात्मक प्रभाव’ पर डालने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. यहां बता दें कि बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए गुट केंद्र में सरकार बनाने के लिए लगातार बैठक कर रहा है और इसी बीच पवार के इस बयान को लेकर कयासबाजी शुरू हो गई है.
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