Anantnag Rajouri Lok Sabha seat Voting will be held on May 25 in Lok Sabha Elections 2024 Election Commission

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Lok Sabha Elections 2024: जम्मू कश्मीर की अनंतनाग लोकसभा सीट के लिए चुनाव प्रचार गुरुवार शाम को थम गया. अब सभी की निगाहें पीर पंजाल क्षेत्र के मतदाताओं पर टिकी हुई हैं, जो लोकसभा 2024 चुनाव के छठे चरण में 25 मई को मतदान करेंगे. इस लोकसभा सीट पर 7 मई को तीसरे चरण में मतदान होना था, लेकिन लगातार बारिश और बर्फबारी के कारण मौसम की बड़ी समस्या के बाद मतदान की तारीख बदलकर 25 मई कर दी गई.

जम्मू-कश्मीर के इतिहास में पहली बार, जम्मू के राजौरी और पुंछ जिलों के लोग कश्मीर घाटी के अनंतनाग और कुलगाम के वोटर्स के साथ मतदान करेंगे. क्योंकि, अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद लोकसभा क्षेत्रों के परिसीमन के बाद अनंतनाग राजोरी लोकसभा सीट अस्तित्व में आई है.

अनंतनाग सीट पर त्रिकोणीय होगा मुकाबला

इस लोकसभा चुनाव में अपने मत का इस्तेमाल करने वाले 18.30 लाख वोटर्स में से 8.99 लाख महिलाएं और करीब 81,000 पहली बार मतदाता अपना वोट डालेंगे. पूरे निर्वाचन क्षेत्र में कुल 2,338 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें से 2,113 ग्रामीण क्षेत्रों में और 225 शहरी क्षेत्रों में हैं. वहीं, इस सीट पर पीडीपी से महबूबा मुफ्ती, अपनी पार्टी से जफर इकबाल मन्हास और नेशनल कॉन्फ्रेंस के मियां अल्ताफ के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होगा, हालांकि यहां कुल 20 उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं.

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में अनंतनाग लोकसभा सीट में दक्षिण कश्मीर के 4 जिले कुलगाम, अनंतनाग, शोपियां और पुलवामा के 16 विधानसभा क्षेत्र शामिल थे लेकिन 2023 के परिसीमन के बाद, पुंछ-राजौरी जिलों के 7 विधानसभा क्षेत्रों और अनंतनाग, कुलगाम और शोपियां के 11 खंडों के साथ, नई अनंतनाग-पुंछ संसद सीट बनाई गई. जबकि, राजौरी और पुंछ जिलों से राजौरी, थन्नामंडी, बुद्धल, नौशेरा, मेंढर, सुरनकोट और पुंछ-हवेली अनंतनाग-राजौरी संसदीय सीट के अंतर्गत आते हैं.

पुंछ-राजौरी के वोटर करेंगे उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला 

वहीं, इस क्षेत्र में बदली हुई राजनीतिक गतिशीलता के बीच, सुंदरबनी-कालाकोट विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर, पुंछ-राजौरी के 8 विधानसभा क्षेत्रों में से 7 के मतदाता अनंतनाग और कुलगाम के मतदाताओं के साथ उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे लेकिन यहां पेच है. क्योंकि, दोनों क्षेत्रों में मतदान पैटर्न और मतदान प्रतिशत पूरी तरह से असमानता में हैं और अगर पिछला मतदान प्रतिशत कोई संकेतक है तो पुंछ-राजौरी के मतदाता उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे.

जबकि कश्मीर क्षेत्र में 2019 के लोकसभा चुनावों 9.7% में 13 लाख रजिस्टर्ड वोटर्स में से केवल 1.24 लाख लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. वहीं, पुंछ-राजौरी जिलों में मतदान प्रतिशत 72.5% तक था.

अनंतनाग लोकसभा क्षेत्र 2019 में जम्मू लोकसभा सीट का हिस्सा था, यहां तक कि बीजेपी की जीत के बावजूद, कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस ने इन सीटों से बीजेपी की तुलना में ज्यादा वोट हासिल किए थे. जबकि, 2019 के लोकसभा चुनावों में, बीजेपी उम्मीदवार जुगल किशोर ने राजौरी-पुंछ के सभी 7 विधानसभा क्षेत्रों से 1,34,653 वोट हासिल किए थे, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार रमन भल्ला ने 3,65,468 वोट हासिल किए थे.

भाजपा किस पार्टी का समर्थन करेगी?

जबकि, बीजेपी जो नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी जैसे क्षेत्रीय दलों के एकाधिकार को समाप्त करने के लिए पहाड़ी जातीय जनजाति के मतदाताओं पर नजर रख रही थी, उसने इस सीट में कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है. उधर, बीजेपी ने अपनी पार्टी के जफर मन्हास का समर्थन करने का फैसला किया.

पहाड़ियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के बाद, बीजेपी को उम्मीद थी कि पहाड़ी समुदाय पिछले रुझानों को उलटने के लिए बीजेपी को पूरा समर्थन देगा, लेकिन नेतृत्व के किसी भी उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारने के फैसले ने राजनीतिक पंडितों को हैरान कर दिया है.

चुनावी लड़ाई का केंद्र होगा अनंतनाग और कुलगाम 

इस तरह चुनावी लड़ाई का केंद्र अनंतनाग-कुलगाम क्षेत्र में होगा. क्योंकि 62% मतदाता गुज्जर-बकरवाल और पहाड़ी आबादी के हैं. मतदान प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेने के जनता के दृढ़ संकल्प के बावजूद, राजनीतिक दलों के लिए चुनौती यह है कि क्षेत्र में कम मतदान से बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के लिए पीर पंचाल में लक्ष्य हासिल करना संभव हो जाएगा.

श्रीनगर के बाद बारामूला ने तोड़ा मतदान का रिकॉर्ड

हालांकि, पिछले दिनों हुए आतंकवादी हमलें में इंडियन एयरफोर्स के एक कॉर्पोरल, बीजेपी के एक पूर्व सरपंच और एक सरकारी अधिकारी सहित तीन लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए. राजनीतिक दलों और व्यक्तिगत प्रतियोगियों द्वारा प्रचार बिना किसी व्यवधान के जारी रहा. खासतौर पर श्रीनगर और बारामूला लोकसभा सीटों पर 13 और 20 मई को रिकॉर्ड-तोड़ मतदान के बाद प्रचार में तेजी आई, क्योंकि मतदाताओं ने अतीत के अलगाववादी-प्रायोजित बहिष्कार के आह्वान को पीछे छोड़ दिया.

अनंतनाग सीट पर 25 मई को मतदान

जहां जम्मू संभाग के राजौरी और पुंछ जिलों में हमेशा बंपर मतदान हुआ है, वहीं दक्षिण कश्मीर पहले कम मतदान के लिए जाना जाता था, लेकिन श्रीनगर और बारामूला सीटों के रुझानों को देखते हुए, चुनाव अधिकारियों को भरोसा है कि 25 मई को भी अनंतनाग, कुलगाम और शोपियां में अच्छा मतदान होगा.

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