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Bharat Sevashram Sangh: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल में एक चुनावी रैली के दौरान TMC प्रमुख ममता बनर्जी पर बड़ा आरोप लगाया. पीएम मोदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रामकृष्ण मिशन, भारत सेवा आश्रम और इस्कॉन के लोगों को खुलेआम धमकी दे रही हैं. प्रधानमंत्री का ये बयान ऐसे समय में आया है, जब ममता बनर्जी ने भारत सेवाश्रम संघ पर BJP को सपोर्ट करने का आरोप लगाया था.
भारत सेवाश्रम संघ क्या है और इसको लेकर ममता बनर्जी और पीएम मोदी आमने-सामने क्यों आ गए हैं. आइये जानते हैं इसके बारे में.
क्या है भारत सेवाश्रम संघ?
दरअसल, भारत सेवाश्रम संघ की स्थापना 1917 में संत आचार्य स्वामी प्रणवानंदजी महाराज ने की थी. भारत सेवाश्रम संघ की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, संत आचार्य स्वामी प्रणवानंदजी एक महान योगी, आचार्य, दार्शनिक-विचारक और समाज सुधारक थे. उन्होंने मानव जाति के लिए अहम योगदान दिया. उनका जन्म साल 1896 में बंगाल के मदारीपुर जिले के बाजितपुर नामक गांव में हुआ था.
कोलकाता में है मुख्यालय
भारत सेवाश्रम संघ के मुताबिक, इस संगठन का मुख्यालय कोलकाता में है और भारत समेत दुनिया भर में इसकी लगभग पचास शाखाएं और सहयोगी ब्रांच हैं. उन्होंने अफ्रीकी देशों, मलेशिया और इंडोनेशिया में कई मिशन भी शुरू किए हैं. भारत सेवाश्रम संघ गरीबों की मदद करता है. इसके अलावा वे प्राकृति आपदाओं के समय भी मदद मुहैया कराता है. भारत सेवाश्रम संघ की ओर से साल 1934 में भूकंप प्रभावित बिहार में बड़े पैमाने पर राहत कार्य चलाया गया था.
ममता बनर्जी ने क्या कहा था?
हालांकि, एक दिन पहले शनिवार (18, मई) को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारत सेवा आश्रम पर बीजेपी की मदद करने का आरोप लगाया. ममता ने कहा कि संगठनों के संत भी अब बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने कार्तिक महाराज का नाम लेते हुए कहा कि वे टीएमसी- तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को धमकी दे रहे हैं. लेकिन अब मैं उन्हें संत नहीं मानती, क्योंकि वह राजनीतिक दल का समर्थन कर रहे हैं.
पीएम मोदी ने ममता को घेरा
पीएम मोदी ने ममता बनर्जी पर सवाल उठाए और कहा कि राज्य सरकार ने इस बार सारी हदें पार कर दी हैं. आज बंगाल की मुख्यमंत्री इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन और भारत सेवा आश्रम के सन्यासियों को खुले तौर पर धमका रही हैं. इन मिशनों से जुड़े लाखों अनुयायी आज पूरी दुनिया में रहते हैं और इनका मकसद सिर्फ लोगों की सेवा करना है लेकिन बंगाल सरकार ने उन पर ऊंगली उठाई. इतनी हिम्मत सिर्फ अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए की जा रही है.
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