भोपाल में वैवाहिक जीवन से जुड़े अनोखे विवाद लगातार सामने आ रहे हैं, जहां पति-पत्नी के बीच छोटी-छोटी बातों पर मतभेद इतने बढ़ जा रहे हैं कि मामला कुटुंब न्यायालय तक पहुंच रहा है. ताजा मामला शहर के साकेत नगर में रहने वाले एक दंपती का है, जहां पत्नी ने सिर्फ इसलिए तलाक की अर्जी दे दी क्योंकि उसका पति शिखा नहीं कटवा रहा था.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पति एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में कार्यरत है और धार्मिक कारणों से शिखा रखता है, जबकि पत्नी इसे पिछड़ापन मानती है और कहती है कि यह उनके ‘स्टेटस’ को सूट नहीं करता है.
शिखा कटवाने के विवाद के बाद पत्नी मांग रही तलाक
पत्नी का आरोप है कि वह सोच रही थी कि शादी के बाद पति शिखा कटवा देगा, लेकिन पति अपने फैसले पर आज तक अडिग है. इसी बात पर नाराज होकर पत्नी मायके चली गई और अब अदालत में तलाक मांग रही है. वहीं पति का कहना है कि उसने शादी से पहले ही यह स्पष्ट कर दिया था कि वह अपनी शिखा नहीं कटवाएगा, फिर भी पत्नी इस मुद्दे को लेकर लगातार दबाव बनाती रही.
इंजीनियर पति ने पत्नी के खिलाफ दायर की तलाक की याचिका
इसी तरह एक अन्य मामले में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर पति ने पत्नी के खिलाफ तलाक की याचिका दायर की है. उसका कहना है कि पत्नी मेकअप नहीं करती, डार्क लिपस्टिक नहीं लगाती और ब्यूटी पार्लर भी नहीं जाती. पति के अनुसार, पत्नी पूजा-पाठ में अधिक समय देती है, जिससे वह उसे ऑफिस या दोस्तों की पार्टी में नहीं ले जा पाता. दूसरी ओर, पत्नी का कहना है कि उसे सादगी से जीवन जीना पसंद है और अत्यधिक मेकअप व आधुनिक पहनावे उसकी पसंद का हिस्सा नहीं हैं.
दोनों मामलों की कुटुंब न्यायालय में चल रही काउंसलिंग
कुटुंब न्यायालय में दोनों मामलों की काउंसलिंग चल रही है, लेकिन दंपतियों के बीच जीवन मूल्यों को लेकर टकराव खत्म नहीं हो पा रहा है. कोर्ट से जुड़ीं काउंसलर लगातार उन्हें समझाने की कोशिश कर रही हैं कि एक-दूसरे की पसंद और आदतों का सम्मान किए बिना वैवाहिक जीवन चल पाना मुश्किल है. इसी कड़ी में एक और मामला राजस्थान में ब्याही एक महिला का है, जो दो साल से भोपाल के मायके में रह रही है. महिला ने भरण-पोषण का दावा दाखिल किया है.
उसका कहना है कि शादी से पहले उसने स्पष्ट बताया था कि वह सूट पहनना पसंद करती है, लेकिन ससुरालवालों द्वारा अब उस पर साड़ी पहनने का दबाव बनाया जा रहा है, संयुक्त परिवार की परंपराओं का हवाला देते हुए. वहीं पति का कहना है कि संयुक्त परिवार में परंपराओं के अनुसार ही चलना पड़ता है.
समाजशास्त्री डॉ. दीप्ति श्रीवास्तव का कहना है कि जीवन मूल्यों का असंतुलन और भौतिकवादी नजरिया आज रिश्तों को कमजोर कर रहा है. परिपक्वता की कमी के कारण मामूली बातें भी रिश्ते तोड़ने का कारण बन रही हैं. ऐसे दंपतियों की काउंसलिंग बेहद जरूरी है ताकि संबंधों में मधुरता वापस लाई जा सके. हाई न्यूज़ !















