उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा, मीना हैदर और दिल्ली दंगे के अन्य आरोपियों की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि जब बुद्धिजीवी आतंकवादी बनते हैं तो वह ज्यादा खतरनाक होते हैं. दिल्ली पुलिस ने यहां लाल किला कार ब्लास्ट और व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल का हवाला दिया. सुनवाई के दौरान शरजील इमाम की स्पीच की कुछ वीडियो क्लिप्स भी दिखाई गईं, जिनमें वह पूर्वोत्तर राज्य असम को भारत से काटने, दिल्ली का दूध-पानी बंद करने और उग्र विरोध करने जैसी बातें कह रहा है.
सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार (20 नवंबर, 2025) को आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि आजकल एक ट्रेंड देखने को मिला है बुद्धिजीवी लोग सरकारी पैसे से पहले पढ़ाई करके डॉक्टर-इंजीनियर बनते हैं और फिर देश-विरोधी गतिविधियों में शामिल हो जाते हैं.
जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन वी अंजारिया की बेंच के सामने दिल्ली पुलिस का पक्ष रखने के लिए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू पेश हुए. उन्होंने कहा कि बुद्धिजीवी जब आतंकवादी बनते हैं तो वे जमीनी स्तर पर काम करने वालों से भी ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं. एएसजी राजू का इशारा हरियाणा की अल फलाह यूनिवर्सिटी से चल रहे व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल की तरफ था, जिसका जांच एजेंसियों ने हाल ही में भंडाफोड़ किया है. एजेंसियों ने एक डॉक्टर के यहां से आईईडी बनाने वाली 2,900 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री बरामद की थी. इस वाकिए के अगले ही दिन इस डॉक्टर के साथी डॉ. उमर नबी ने लाल किले के पास कार में विस्फोट कर दिया, जिसमें 14 लोगों की जान चली गई. इस घटना के बाद कई डॉक्टर्स को गिरफ्तार किया गया है.
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में शरजील इमाम की स्पीच की कुछ वीडियो क्लिप भी चलाईं, जिनमें वह कहते हुए दिखाई दे रहा है कि पूरे भारत के शहरों में चक्का-जाम होना चाहिए. इन भाषणों में शरजील इमाम चिकन नेक को रोककर असम को भारत से काटने, दिल्ली का दूध-पानी बंद करने और उग्र विरोध करने जैसी बातें कह रहा है. वीडियो में वह कह रहा है कि सरकार को निष्क्रिय करना होगा और अदालतों पर भरोसा नहीं किया जा सकता. दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया कि शरजील अपने भाषणों से मुसलमानों को भड़काने की कोशिश कर रहा था.
दिल्ली पुलिस ने कहा कि सीएए का विरोध प्रदर्शन सिर्फ दिखावा और सच्चाई पर पर्दा डालने का प्रयास था, असली मकसद सत्ता परिवर्तन और अर्थव्यवस्था का गला घोंटना था. एएसजी राजू ने कहा कि सीएए विरोध प्रदर्शन को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान जानबूझकर किया गया था ताकि अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान आकर्षित किया जा सके और ये झूठ फैलाकर कि देश में मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है, भारत की छवि खराब की जा सके. शरजील इमाम के वकील एडवोकेट सिद्धार्थ दवे ने इसका विरोध करते हुए कहा कि लंबे भाषणों के छोटे अंश दिखाकर कोर्ट को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है. हाईन्यूज़ !


















