निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव में वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों और सेवा मतदाताओं को डाक मतपत्र के जरिए मतदान की सुविधा देने की घोषणा की है. निर्वाचन आयोग की ओर से बुधवार (08 अक्टूबर, 2025) को जारी किए गए बयान में बताया गया है कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 60 (C) के तहत 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता और दिव्यांग मतदाता डाक मतपत्र के माध्यम से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे.
बयान के अनुसार ऐसे मतदाताओं को अधिसूचना जारी होने के पांच दिनों के भीतर ‘फॉर्म 12 डी’ के जरिए अपने बूथ स्तरीय अधिकारी (BLO) के माध्यम से आवेदन करना होगा. इसके बाद मतदान दल उनके घर जाकर उनके वोट एकत्र करेंगे.
कार्यरत कर्मचारी भी डाक मतपत्र के लिए कर पाएंगे आवेदन
आयोग ने बताया कि अग्निशमन, स्वास्थ्य, विद्युत, यातायात, एम्बुलेंस, विमानन और लंबी दूरी की सरकारी परिवहन सेवाओं जैसे आवश्यक सेवाओं में कार्यरत कर्मचारी भी अपने विभाग के नामित नोडल अधिकारी के माध्यम से डाक मतपत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं.
इसके अलावा, निर्वाचन आयोग ने मतदान दिवस पर कवरेज के लिए अधिकृत मीडिया कर्मियों को भी ‘आवश्यक सेवाओं के चलते अनुपस्थित मतदाता’ की श्रेणी में शामिल किया है, जिससे वे भी डाक मतपत्र से मतदान कर सकेंगे.
SIR के बाद घटकर इतनी हुई मतदाता संख्या
प्रत्याशियों की सूची के अंतिम रूप से तय होते ही सेवा मतदाताओं को उनके मतपत्र ‘इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम’ (ETPBS) के जरिए भेजे जाएंगे. इन मतदाताओं को डाक खर्च वहन नहीं करना होगा. आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों और अन्य चुनाव अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इस सुविधा के संबंध में राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को भी अवगत कराएं.
निर्वाचन आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के मुबाबिक, ‘अति वरिष्ठ नागरिक’ श्रेणी यानी 85 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले मतदाताओं की संख्या विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बाद तेजी से घटी है. आयोग के अनुसार, एक जनवरी तक 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं की संख्या 16,07,527 थी, जो SIR के बाद घटकर 4,03,985 रह गई. बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव दो चरणों में छह और 11 नवंबर को होंगे. हाईन्यूज़ !