भारत के पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने 26/11 मुबंई आतंकवादी हमले को लेकर एक बयान दिया, जिसके बाद से पूरे देश में राजनीतिक भूचाल आ गया है. चिदंबरम के बयान के बाद जहां एक तरफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) निशाना साध रही है, वहीं दूसरी तरफ अब उनकी अपनी कांग्रेस पार्टी के नेता ने भी सवाल उठाए हैं.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने चिदंबरम के बयान पर सवाल उठाते हुए भाजपा को मजबूत करने का आरोप लगाया है. उन्होंने पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम से सवाल किया है कि आखिर वह इस बयान से क्या साबित करना चाहते हैं? क्या वह यह कहना हैं कि उस वक्त की यूपीए सरकार अमेरिका के दबाव में काम कर रही थी?
पूर्व वित्त मंत्री के बयान को लेकर क्या बोले राशिद अल्वी?
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने कहा, ‘चिदंबरम क्या कहना चाहते हैं कि यूपीए सरकार अमेरिका के दबाव में काम कर रही थी? उनके इस बयान से सीधे तौर पर भाजपा को बल मिलेगा. वैसे भी यह 2008 की बात है और अब 16 सालों के बाद वे इस पर बयान क्यों दे रहे हैं? अगर वे यह बात नहीं चाहते थे तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए था.’
राशिद अल्वी ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी के अंदर कई ऐसे लोग मौजूद हैं, जो कांग्रेस को कमजोर करने की मंशा रखते हैं. घर को आग लग गई, घर के चिराग से. वह यह क्यों साबित करना चाहते हैं कि उस वक्त की यूपीए सरकार अमेरिका के दबाव में काम कर रही थी. इसका मतलब है कि वह भाजपा को मजबूत करना चाहते हैं.’
पी. चिदंबरम ने 26/11 आतंकी हमले को लेकर क्या दिया था बयान?
दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने एक पॉडकास्ट में कहा था कि वह व्यक्तिगत रूप से 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी सैन्य कार्रवाई के पक्ष में थे, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने पड़ोसी देश के खिलाफ कूटनीटिक उपायों का इस्तेमाल किया, जो विदेश मंत्रालय की ओर से दिखाया गया नजरिया था.
उन्होंने कहा कि अमेरिका समेत शक्तिशाली देश भी यही चाहते थे कि भारत पाकिस्तान के साथ युद्ध या कोई सैन्य कार्रवाई न करे. बता दें कि 26 नवंबर, 2011 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के तुरंत बाद पी. चिदंबरम को केंद्रीय गृह मंत्री नियुक्त किया था, इससे पहले वह वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे थे. हाईन्यूज़ !