फिल्म अभिनेत्री और सांसद कंगना रनौत को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने किसान प्रदर्शनकारी मोहिंदर कौर के मानहानि मामले में उनकी याचिका को सुनने से मना कर दिया है. कोर्ट के रुख को देखते हुए कंगना ने याचिका वापस ले ली.
पंजाब के बठिंडा जिले के बहादुरगढ़ जांडियान गांव की मोहिंदर कौर ने 2021 में कंगना के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया था. 73 साल की मोहिंदर कौर ने बताया था कि कंगना ने उनकी तस्वीर को सोशल मीडिया पर अपमानजनक तरीके से पोस्ट किया. आईपीसी की धारा 499 के तहत दाखिल इस केस में मजिस्ट्रेट ने कंगना को समन जारी किया था. पिछले महीने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने मुकदमे को निरस्त करने से मना कर दिया था.
मोहिंदर कौर ने अपनी शिकायत में कहा था कि कंगना ने अपने ट्वीट में उन्हें दिल्ली के शाहीन बाग में CAA विरोधी आंदोलन वाली बिलकिस बानो बताया. यह भी लिखा कि टाइम्स मैगजीन के कवर पर छपी ऐसी आंदोलनकारी 100 रुपए में मिल जाती है. इससे उनके सम्मान को चोट पहुंची है.
हाई कोर्ट से राहत पाने में असफल रही कंगना ने सुप्रीम का दरवाजा खटखटाया. मामला जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता में लगा. कंगना की तरफ से पेश वकील ने कहा कि उन्होंने किसी के पोस्ट को रीट्वीट किया था. शिकायतकर्ता ने मूल पोस्ट करने वाले की शिकायत नहीं की. उस पोस्ट को और भी बहुत लोगों ने रीट्वीट किया था. लेकिन केस सिर्फ उनके खिलाफ दायर हुआ.
इस पर जस्टिस मेहता ने कहा, “हमने आपके पोस्ट को देखा है. यह साधारण रीट्वीट नहीं था. आपने अपनी तरफ से भी उस पर मसाला जोड़ा.” इस पर कंगना की वकील ने कहा कि उन्होंने इस पोस्ट पर स्पष्टीकरण जारी किया था. ऐसा केस दाखिल होने से काफी पहले कर दिया गया था. लेकिन इस तथ्य की अनदेखी कर दी गई.
इस पर बेंच ने कहा, “अगर आपने स्पष्टीकरण जारी किया और शिकायतकर्ता ने उसकी जानकारी कोर्ट को नहीं दी तो यह आपके बचाव में एक अच्छी दलील हो सकती है. इन सब बातों को मजिस्ट्रेट देखेंगे. आप वहां अपनी बात रखिए.” कंगना की वकील ने पंजाब में उनकी सुरक्षा को लेकर भी दलील रखने की कोशिश की. लेकिन जज याचिका पर विचार के लिए सहमत नहीं हुए.