अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकियों के बीच राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि आजकल सांप जैसे दोस्त हो गए हैं. उन्होंने सांप की कहानी सुनाते हुए अमेरिका पर हमला बोला और कहा कि भारत की तरक्की से अमेरिका डर रहा है इसलिए ऐसे देश से करीबियां बनानी शुरू कर दी हैं, जिससे असल में खतरा है. उस देश को अमेरिका इसलिए पुचकार रहा है क्योंकि वह भारत पर दबाव बनाना चाहता है.
मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बयान दिया है. मोहन भागवत ने किसी देश का नाम लिए बगैर कहा कि आजकल सांप प्रृकित के मित्र हो गए हैं. मोहन भागवत ने कहा, ‘आज बहुत से लोगों में भाव होता है कि ये बड़ा हो जाएगा तो क्या होगा.. भारत अगर बड़ा हो गया तो क्या होगा.. तो इस पर टैरिफ लगाओ.. पर जिससे सच में डर है उसको पुचकार रहा है कि अगर उस देश का साथ रहेगा तो भारत पर दबाव बनाया जा सकता है पर आप तो सात समुंदर पार बैठे हैं आपको भारत से क्या डर…?’
मोहन भागवत ने सुनाई सांप की कहानी
मोहन भागवत ने कहा, ‘मुझे ये चाहिए .. यही हमेशा व्यक्तियों और राष्ट्रों के बीच झगड़े का कारण बनते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘एक कहानी है कि एक रास्ते पर एक जहरीला सांप रहता था और लोग जाने से डरते थे तो एक बार तथागत वहां से जाने लगे तो लोगों ने रोका.. जब व्यक्ति अपने अंदर के व्यक्तित्व को जानता है तो कोई भी परिस्थिति आती है और वो बदलती है पर आप अपने अंदर के मय को जानते रहिए. तो तथागत जब उस रास्ते पर गए तो सांप ने फन सिमेट लिए और उनको जाने दिया. आज के कथाकथित बुद्धिजीवी इसका सबूत मांंगेंगे पर अगर तथागत जासी तपस्या करेगो तो वैसे बन जाओगो.’ उन्होंने कहा कि सभी सांप काटते नहीं हैं और विषैले सांप भी ऐसे नहीं काटते हैं और अगर आते भी हैं तो उनको जंगल में छोड़ आते हैं.
मोहन भागवत ने कहा कि आज लोगों के बीच ज्ञान आ गया है और आज सांप प्रकृति के मित्र हो गए हैं. अगर हमारे अंदर ये भाव है तो हमारे लिए असुरक्षा का भाव नहीं होगा. उन्होंने कहा कि जो लोग संघ के नहीं है वो भी ऐसा सोचते हैं कि वास्तव में मैं क्या हूं… शरीर के बाद क्या होगा.. शरीर के बाद क्या होगा. आरएसएस प्रमुख ने कहा कि एक देश के नाते हमें जीना है और बड़ा बनना है. विश्व का स्वभाव है कि जो बना हुआ है उसकी ही बात सुनती है. हाईन्यूज़ !