मुंबई की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने एक बड़े कॉर्पोरेट घोटाले का पर्दाफाश करते हुए दो निदेशकों को गिरफ्तार किया है. यह घोटाला लगभग 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की कंपनी संपत्तियों के अवैध ट्रांसफर और नकली शेयर प्रमाण पत्र बनाने से जुड़ा है. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मंगेश कदम और ममता सिंह के रूप में हुई है. दोनों को गुरुवार को मुंबई कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 16 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.
ईओडब्ल्यू के मुताबिक, यह FIR बिजनेसमैन रजत झुनझुनवाला की शिकायत पर दर्ज की गई. आरोपियों ने शाहाजस डिवेलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और उसकी सहायक कंपनी जेएलएस रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड के फर्जी शेयर होल्डिंग सर्टिफिकेट और MGE-7 फॉर्म तैयार किए. इन दस्तावेजों के आधार पर झुनझुनवाला की हिस्सेदारी जबरन ट्रांसफर कर उन्हें कंपनियों से बाहर कर दिया गया.
39 लाख शेयरों को शेल कंपनियों में ट्रांसफर किया गया
जांच से पता चला है कि ये जाली दस्तावेज रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज में भी फाइल किए गए थे. इसके बाद करीब 39 लाख शेयरों को अवैध रूप से डीमैट कर कई शेल कंपनियों में ट्रांसफर कर दिया गया. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि गवाहों के बयानों से यह भी सामने आया कि आरोपियों ने फर्जी हस्ताक्षर और जाली मॉर्टगेज डीड्स के जरिए आईडीबीआई ट्रस्टीशिप सर्विसेज के साथ शेयरों को गिरवी रखा था. इससे अन्य संस्थाओं की मिलीभगत की आशंका भी जताई जा रही है.
सरकार को लगभग 40 करोड़ से अधिक का नुकसान
ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने कहा कि इस धोखाधड़ी से न केवल शिकायतकर्ता को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है, बल्कि सरकार को भी लगभग 40 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व नुकसान उठाना पड़ा, क्योंकि संपत्ति ट्रांसफर के दस्तावेजों का मूल्यांकन जानबूझकर कम दिखाया गया था. पुलिस को शक है कि इस पूरे घोटाले में और भी कई लोग शामिल हो सकते हैं. फिलहाल मामले में जांच जारी है. हाईन्यूज़ !