Cryptocurrency Scam Busted:HN/ साइबराबाद साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने क्रिप्टोकरेंसी निवेश और मॉर्गन स्टेनली के नाम पर चल रहे एक अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध गिरोह का पर्दाफाश किया है. यह गिरोह टेलीग्राम और व्हाट्सएप के जरिए निवेशकों को ठग रहा था.
55,066 USDT की ठगी, मुख्य आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने अगस्त, 2024 में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की शिकायत पर मामले की जांच शुरू की थी. पीड़ित को मॉर्गन स्टेनली के नाम से चल रही एक फर्जी क्रिप्टो निवेश योजना में 20 फीसदी दैनिक रिटर्न का लालच दिया गया था, जिससे उसने कुल 55,066 USDT (लगभग 52,31,270 रुपये) का नुकसान उठाया.
जांच के दौरान इस घोटाले में पी मणिकंठ (22 वर्ष), निवासी वाई.एस.आर कडप्पा, आंध्र प्रदेश को गिरफ्तार किया गया है और हरियाणा से जुड़े कुछ अन्य आरोपियों की तलाश जारी है. आरोपी क्रिप्टो ट्रेडिंग और म्यूल अकाउंट्स (धोखाधड़ी के लिए उपयोग किए जाने वाले बैंक खाते) का व्यापार करता था और चीन के नागरिकों सहित अन्य एजेंटों के संपर्क में था.
कैसे हुई ठगी?
- टेलीग्राम और व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क ठगों ने यूके के +44 कोड वाले व्हाट्सएप नंबरों से पीड़ित से संपर्क किया.
- फर्जी मॉर्गन स्टेनली निवेश योजना- 20 फीसदी प्रतिदिन रिटर्न का झांसा देकर निवेश कराया गया.
- क्रिप्टो वॉलेट्स के जरिए उगाही- ठगों ने Binance, Kucoin, Trust Wallet जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर क्रिप्टो को कई लेयर में घुमाकर उगाही की.
अंतरराष्ट्रीय गिरोह से जुड़े तार
तकनीकी जांच और आरोपी की पूछताछ से यह खुलासा हुआ है कि:
- गिरोह के संपर्क चीन, हांगकांग और यूनाइटेड किंगडम तक फैले हुए हैं.
- आरोपी टेलीग्राम पर चीनी अपराधियों से लगातार संपर्क में था और म्यूल बैंक अकाउंट्स की खरीद-फरोख्त कर रहा था.
- आरोपी के मोबाइल से उद्योग पंजीकरण प्रमाणपत्र (UDHYAM Certificates) भी बरामद हुए हैं, जिनका उपयोग संदेहास्पद बैंक खाते खोलने के लिए किया गया होगा.
बरामदगी और धन की वापसी
- साइबराबाद पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर Binance से ठगे गए फंड को जब्त कर लिया है.
- भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C), गृह मंत्रालय की क्रिप्टोकरेंसी जांच टीम और वित्तीय खुफिया इकाई (FIU-IND) से संपर्क और सहयोग लिया जाएगा ताकि पीड़ित को धन वापस किया जा सके. हाईन्यूज़ !