Kerala High Court:HN/ केरल हाई कोर्ट ने एक टेलीविजन बहस के दौरान दिए गए कथित भड़काऊ बयान के संबंध में शुक्रवार (21 फरवरी) को बीजेपी नेता पीसी जॉर्ज की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. कोट्टायम जिला सत्र न्यायालय ने एराट्टुपेट्टा पुलिस की ओर से दर्ज मामले में जॉज की अग्रिम याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
पीसी जॉर्ज पर धार्मिक विवाद भड़काने का आरोप
यह मामला मुस्लिम यूथ लीग के नेता मुहम्मद शिहाब की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत पर आधारित है, जिसमें बीजेपी नेता पर धार्मिक विवाद भड़काने वाली टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया था. पूर्व विधायक जॉर्ज पर एक टीवी चैनल पर चर्चा के दौरान अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ नफरत भरा बयान देने का आरोप है. शिहाब ने आरोप लगाया था कि उनकी टिप्पणी से अलग-अलग धार्मिक समुदायों के बीच नफरत फैल सकती है.
पीसी जॉर्ज पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 196(1) (ए) ( धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 299 (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने का इरादा) और केरल पुलिस अधिनियम की धारा 120 (उपद्रव करना और सार्वजनिक व्यवस्था का उल्लंघन करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
बीजेपी राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया
केरल के सात बार के विधायक रह चुके पीसी जॉर्ज ने पिछले साल अपनी पार्टी केरल जनपक्षम (सेक्युलर) का बीजेपी में विलय कर दिया था. जनवरी में जॉर्ज के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद बीजेपी ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया था. पीसी जॉर्ज को सही ठहराते हुए बीजेपी नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि उन्होंने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि उनका इरादा चरमपंथ का विरोध करना था, किसी समुदाय को निशाना बनाना नहीं था. हाईन्यूज़ !