भारत में गर्म हवा के थपड़ों से इन दिनों लोग बुरी तरह से परेशान हैं. पारा कहीं 45 तो कहीं 50 डिग्री तक पहुंच गया. घर से लोगों का बाहर निकलना मुश्किल है. हालांकि इस तरह के हालात सिर्फ भारत में नहीं है. रिकॉर्ड तोड़ तापमान ने अमेरिका को भी झुलसा कर रख दिया है. अमेरिका के दक्षिण-पश्चिम में गुरुवार को हीटवेव ने तो सारी हदे ही पार कर दी. कई सालों के रिकॉर्ड तक टूट गए. कुछ क्षेत्रों में तापमान 43 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो गया.
ये हाल तब है जब गर्मी की आधिकारिक शुरुआत होने में अभी दो हफ्ते की देरी थी. लिहाजा आने वाले दिनों में अमरेका के लोगों को गर्मी और परेशान कर सकती है. गर्मी से हाल कितना बेहाल है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राष्ट्रपति पद के संभावित रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की एक रैली में दर्जनों लोग बीमार पड़ गए. सभी को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. ट्रंप की ये रैली हश मनी केस में दोषी ठहराए जाने के बाद पहली बार आयोजित की गई थी.
फायर डिपार्टमेंट पर भारी लोड
इस गर्मी से फायर डिपार्टमेंट पर भी काफी लोड पड़ रहा है. वेगास में फायर डिपार्टमेंट ने गर्मी के जोखिम के लिए कम से कम 12 लोगों के कॉल का जवाब दिया है. उनमें से नौ कॉलें अस्पताल में इलाज की आवश्यकता वाले मरीजों का आया था. इसकी संख्या अधिक होने की संभावना है, क्योंकि फायर डिपार्टमेंट को दूसरे तरह की कॉल में भी अहम भूमिका निभानी पड़ सकती है. जिसमें शराब के नशे से संबंधित या जब बेहोशी, चक्कर आना या मतली जैसी स्थितियों की सूचना दी जाती है.
कितने सालों का रिकॉर्ड कहां टूटा?
फीनिक्स में 45 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा जिसने 2016 में 44 डिग्री के पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया. लास वेगास में तापमान 44 डिग्री पार कर गया. वेगास में 2010 में 43 डिग्री पहुंचा था. एरिज़ोना, कैलिफ़ोर्निया और नेवादा के अन्य क्षेत्रों ने भी कुछ डिग्री के रिकॉर्ड तोड़े. गर्मी सामान्य से कई हफ्ते पहले आ गई है, यहाँ तक कि उत्तर की ओर अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर भी. इसमें रेनो, नेवादा भी शामिल है, जहां वर्ष के इस समय के लिए सामान्य अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रहता है. लेकिन गुरुवार को रिकॉर्ड 37 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. हाईन्यूज़ !