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Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के छठे चरण की वोटिंग होने में महज 2 दिन ही बचे हैं, लेकिन राजनीतिक दल एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी से बाज नहीं आ रहे हैं. इसी कड़ी में एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी की दिल्ली इकाई ने चुनाव आयोग से कहा है कि बुर्क़े में औरतों की ख़ास जांच होनी चाहिए.
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा कि तेलंगाना में पिछले दिनों हुए लोकसभा चुनाव के मतदान के दौरान बीजेपी उम्मीदवार ने मुस्लिम ख़्वातीन की सरेआम बेइज़्ज़ती की और परेशान करने का काम किया. ओवैसी ने कहा कि हर चुनाव में बीजेपी कोई न कोई बहाना ढूंढ कर मुस्लिम ख़्वातीन को परेशान करती है और निशाना बनाती है.
बस मुस्लिम औरतों को निशाना बना रही BJP- ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा कि परदा-नशीन औरतों को लेकर निर्वाचन सदन के साफ़ कवाईद और ज़ाबते हैं, चाहे वो बुर्के में हों या घूंघट में हों या मास्क में, बिना तस्दीक और जांच-पड़ताल के किसी को भी वोट देने नहीं दिया जाता है तो फिर बीजेपी को ऐसी ख़ास मांग क्यों करनी पड़ी? ओवैसी ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी का मकसद है कि बस मुस्लिम औरतों को निशाना बनाया जाए, उनको सताया जाए और उन्हें वोट देने में बाधा बनाया जाए.
भाजपा के दिल्ली इकाई ने निर्वाचन आयोग से कहा है कि बुर्क़े में औरतों की ख़ास जांच होनी चाहिए।
तेलंगाना में पिछले दिनों हुए लोकसभा के मतदान के दौरान इनके उम्मीदवार ने मुस्लिम ख़्वातीन की सरेआम बेइज़्ज़ती की और परेशान करने का काम किया। हर चुनाव में भाजपा कोई न कोई बहाना ढूंढ कर…
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) May 23, 2024
‘बुर्का या मास्क लगाकर आने वाली महिलाओं की हो जांच’
विधायक अजय महावर और मोहन सिंह बिष्ट, प्रदेश सचिव किशन शर्मा और वकील नीरज गुप्ता के प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को दिल्ली के सीईओ से मुलाकात की थी और एक ज्ञापन सौंपा था. जिसमें उन्होंने दिल्ली में छठे चरण की वोटिंग के दौरान मतदान करने के लिए बुर्का पहनकर आने वाली महिला मतदाताओं के उचित सत्यापन की मांग की गई थी.
पोलिंग बूथ पर पर्याप्त सुरक्षाकर्मी तैनात करने की मांग की
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले विधायक अजय महावर ने कहा था कि जो लोग बुर्का या फेस मास्क पहनकर मतदान करने आते हैं, उन्हें पूरी जांच के बाद ही मतदान करने की अनुमति दी जानी चाहिए. इसके साथ ही एक महिला अधिकारी या महिला पुलिस अधिकारी को उनके चेहरे की जांच करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि खासकर ऐसे संसदीय क्षेत्रों में जहां ‘बुर्का-पहने’ महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है. बड़ी संख्या में बुर्का पहने महिलाएं मतदान के लिए मतदान केंद्रों पर आती हैं.
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