बिहार में कुछ न कुछ अजीब मामले सामने आते रहते हैं. कभी यहां से ट्रेन का इंजन तो कभी पुल गायब हो जाता है. ताजा मामला अब शिक्षा विभाग का है. विभाग की लापरवाही के चलते कई वर्षों से स्कूली बच्चे पाठ्यक्रम में भ्रमित होते आ रहे हैं.
छात्र पिछले 12 वर्षों से स्कूल की किताब से भ्रमित होते आ रहे हैं. छात्र स्कूली किताब में शेर को बाघ पढ़ते आ रहे हैं. इतना ही नहीं विभाग से एक ही पाठ्यक्रम की पुस्तक में 2 बार बड़ी भूल की गई है. जब इसकी शिकायत विभाग के अधिकारियों से की गई तो इसे चूक मानते हुए इसमें सुधार की बात कही गई है.
संस्कृत विषय से जुड़ा है मामला
यह मामला संस्कृत विषय से जुड़ा हुआ है. लखीसराय के संस्कृत शिक्षक सह प्रतिभा चयन एकता मंच के सचिव पीयूष कुमार झा के मुताबिक, बिहार शिक्षा विभाग द्वारा संस्कृत विषय की कक्षा 10 की किताब पीयूषम द्वितीयो भाग: के एकादश पाठ में बड़ी चूक की गई है. इस पाठ में नारायण पंडित द्वारा रचित हितोपदेश के मित्र लाभ नामक भाग से संकलित व्याघ्रपथिक कथा (बाघ एवं पथिक की कहानी) पढ़ाई जा रही है. पाठ की शुरुआत में जो फोटो छपा हुआ है वह छात्रों को गलत संदेश दे रहा है.
बाघ की कहानी में शेर का फोटो
पीयूष कुमार झा कहते हैं कि विभाग ने किताब के एकादश पाठ में गलती करते हुए बाघ की कहानी में शेर का फोटो लगा रखा है. हैरत की बात यह है कि किताब में विषय के मुताबिक छपे गलत फोटो पर पिछले 12 सालों से किसी भी विभागीय अधिकारियों की नजर नहीं गई. विभाग से चूक सिर्फ इसी विषय पर नहीं हुई बल्कि एक बड़ी गलती और की गई है. इसी किताब के त्रयोदश: पाठ: विश्व शांति में गड़बड़ हुई है.
विश्व शांति की कहानी में जलियावाला बाग का फोटो
इस पाठ में जलियावाला बाग की फोटो लगाई है जबकि इस लेख में कहीं भी जलियावाला बाग का जिक्र नहीं है. पीयूष कुमार झा ने इस पर आपत्ति दर्ज करते हुए फोटो बदलने की मांग की है. शिक्षक पीयूष कुमार झा ने इस बड़ी गलती की जब एससीईआरटी पटना से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी तो विभाग में हड़कंप मच गया. इसके बाद परिषद ने लिखित रूप से गलती मानते हुए पाठ्य पुस्तक के अगले प्रकाशन में सुधार का भरोसा दिया है.
विभाग ने मानी गलती
मीडिया से बातचीत में विभाग प्रभारी, एससीईआरटी, पटना विभा रानी ने बताया कि उन्हें कक्षा 10वीं की संस्कृत की पाठ्य पुस्तक में गलत अंश छपने की जानकारी मिली है. पुस्तक में बाघ की जगह शेर की तस्वीर छपी है. इसमें अगले प्रकाशन से सुधार कराया जा रहा है. जल्द ही विद्यालयों में नए संस्करण की सुधार हुई पुस्तक उपलब्ध करा दी जाएगी. हाईन्यूज़ !